Saturday, February 11, 2012

जिनके बाल झड़ते हों ,वे कच्चे पालक का सेवन करें

>पालक का पौधा अपने देश के प्रायः सभी प्रान्तों में सुलभता व सस्ते में मिल जाता है | इनमे जो गुण है वैसा और किसी शाक में नहीं होता है | ज्यादातर यह शीत ऋतू में पाया जाता है परन्तु कहीं कहीं किसी और ऋतू में भी इनकी खेती की जाती है
स्वाभाव से यह पाचक, तर और ठंढी होती है | पालक में दालचीनी डालने से इसकी ठंढी प्रकृति बदल जाती है | पालक को पकाने से इसके गुण नष्ट नहीं होते है |

इनके गुण और लाभ है :- पालक में विटामिन ए,बी,सी, लोहा, कैल्सियम, अमीनो अम्ल तथा फोलिक अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | कच्चा पालक खाने में कडवा और खारा लगता है, परन्तु बहुत ही गुणकारी होता है | दही के साथ कच्चे पालक का रायता बहुत ही स्वादिष्ट और गुणकारी होता है | इसलिए गुणों में पालक अन्य सभी शाकों में सर्वोपरि है | इसका रस यदि पीने में अच्छा न लगे तो इसके रस में आंटा गुंथकर रोटी बनाकर खाने चाहिए | पालक रक्त में लाल कण बढाता है | कब्ज़ दूर करता है | पालक, दाल व अन्य सब्जियों के साथ खायें |

पालक का रस सम्पूर्ण पाचन -तंत्र की प्रणाली ( पेट,छोटी-बड़ी आंतें ) के लिए सफाई-कारक एवं पोषण-कर्ता है | कच्चे पालक के रस में प्रकृति ने हर प्रकार के शुद्धिकारक तत्व रखे है | पालक संक्रामक रोग तथा विषाक्त कीटाणुओं से उत्पन्न रोगों से रक्षा करता है | इसमें विटामिन ‘ए’ पाया जाता है जो म्यूक्स मेम्ब्रेन्स की सुरक्षा के लिए उपयोगी है |

रोगों में हितकर पालक :-
बाल गिरना :- इसमें पाया जाने वाला विटामिन ‘ए’ विशेष मात्र में होता है जो बालों के लिए अत्यंत जरुरी होता है | जिसके बाल झाड़ता हो ,वो कच्चे पालक का सेवन करें |


दम, खांसी, गले की जलन,फेफड़ों की सुजन और यक्ष्मा हो तो पालक के रस के कुल्ले करने से लाभ होता है | इसके साथ ही दो चम्मच मेथी कुथ्कर दो कप पानी में तेज उबालते हुए एक कप पानी रहने पर छानकर इसमें एक कप पालक का रस और स्वादानुसार शहद मिलाकर नित्य दो बार पिने से इन सभी रोगों में लाभ होता है | फेफड़ों को शक्ति मिलती है | बलगम पतला होकर बाहर निकल जाता है |

रक्तविकार और शरीर की खुश्की व रक्तक्षीणता :- आधे गिलास पालक के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर 50 दिन पियें | शरीर में इससे रक्त की वृद्धि होगी | गर्भिणी स्त्रियों में इससे लोहे ( आयरन ) की पूर्ति होती है |

यदि प्रतिदिन पालक का रस नित्य 3 बार 125 ग्राम की मात्रा में लिया जाय तो समस्त विकार दूर होकर चेहरे पर लालिमा, शरीर में स्फूर्ति, उत्साह एवं शक्ति का संचार, रक्तभ्रमण तेजी से होता है | निरंतर सेवन से चेहरे के रंग में निखार आ जाता है | रक्त बढ़ता है | इसका रस, कच्चे पते या छिलके सहित मुंग की दाल में पालक की पतियाँ डालकर सब्जी खानी चाहिए | यह रक्त साफ़ और बलयुक्त करता है |

पायोरिया :- पालक का रस दांतों और मसूढ़ों को मजबूत बानाता है | रोगी को कच्चा पालक दांतों से चबाकर खाना चाहिए | प्रातः भूखे पेट पालक का रस पिने से पायोरिया ठीक हो जाता है | इसमें गाजर का रस मिलाने से मसूढ़ों से रक्तस्त्राव होना बंद हो जाता है |

नेत्रज्योति पालक का रस पीने से बढती है |

पथरी :- कई लोग यह मानते है की पालक खाने से पथरी होती है, लेकिन यह निश्चित समझ ले की कच्चे पालक के रस के सेवन करने सा कदापि पथरी नहीं होती |
पालक में ऑक्जेलिक अम्ल पाया जाता है जो पानी में घुल जाता है | पालक में कैल्सियम और फोस्फोरस होता है जो मिलकर कैल्सियम फोस्फेट बनाता है जो पानी में घुलता नहीं है जिससे पथरी बन जाती है | इसलिए पथरी के रोगियों को केवल पालक की सब्जी नहीं खाना चाहिए | पालक और हरी पते वाली मेथी मिलाकर साग बनाकर खाने से पथरी नहीं बनती है |
अतः पालक खाएं और शरीर में ख़ून बढ़ाएं .

और इसी विषय पर यह लेख भी देखें:

पालक खाने वाला व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता

हरी सब्जियों की जब भी बात आती है तो सबसे पहले पालक का नाम आता है। जिसे लोग रामबाण कहते हैं। लोग कहते हैं कि पालक खाने वाला व्यक्ति को कभी भी डॉक्टर के पास नहीं जाता, कहने का तात्पर्य ये है कि पालक खाने वाला कभी बीमार नहीं पड़ता है। डॉक्टरों के मुताबिक पालक में शरीर के लिए आवश्यक अनेक अमीनो अम्ल, विटामिन ए, फोलिक अम्ल, प्रोटीन और लौह तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पालक में बीटा केरोटिन नामक विटामिन की भरमार रहती है।

जो आंखो के लिए काफी अच्छी होती है। पालक में लोहे का अंश भी बहुत अधिक रहता है, पालक में मौजूद लोहा शरीर द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है। इसलिए पालक खाने से खून के लाल कणों की संख्या बढ़ती है। इन लाल कणों में हिमोग्लोबिन नामक तत्व रहता है जो लोहे से बनता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है। गर्भवती स्त्रियों में फोलिक अम्ल की कमी पाई जाती है। उनके लिए भी पालक का सेवन लाभदायक होता है। पालक में कैल्शियम भी बहुत अधिक रहता है। इसलिए बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए वह बहुत फायदेमंद है। पालक खाने से स्तनपान करानेवाली माताओं के स्तनों में अधिक दूध बनता है।

यही नहीं पालक त्वचा और शरीर के लिए भी बहत अच्छा होता है। जो लोग बाल गिरने से परेशान हैं उन्हें तो रोज पालक खाना चाहिए। जो शरीर में आयरन की कमी को पूरा करके बालों का गिरना रोकता है। पालक त्वचा को रूखे होने से बचाता है। पालक आखों में चमक उत्पन्न करता है। पालक के पेस्ट को चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है। इसलिए महंगी-महंगी दवाइयां खाने से अच्छा है कि आप पालक खाइये जिससे दवाइयां खाने की नौबत ही ना आये।

2 comments:

  1. बहुत उपयोगी। आलेख को अपनी पोस्ट से जोड़ा हैः
    http://upchar.blogspot.in/2012/02/blog-post_14.html

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