Thursday, February 23, 2012

आंवला... Amla

आज के तेज व प्रतिस्पर्धा वाले युग में पौष्टिक आहार तथा गुणी खाद्य पदार्थों की रोगों से बचाव के लिए खोज व बीमारी के समय उनके प्रयोग ने हमारी जीवन शैली में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं ।

आंवला....

(Emblica Officinalis) एंबलिका ऑफिसिनालिस (वनस्पतिशास्त्र नाम)

भारतीय गूज़बैरी।
जैसे कि इसका नाम दर्शाता है, भारत के लिए यह एक स्वदेशीय फल है।

amla

इस पौधे का उपयोग दवाई के रूप में किया जाता है। यह एक विस्मयकारी बूटी है।

आयुर्वेद की एक महान अधिकार शाखा, 'षुस्रुत' इसे सभी फलों में सबसे अधिक उत्तम, अच्छी सेहत के लिए उपयोगी तथा अनेक रोगों के उपचार में सहायक मानती है। च्यवनप्राश में यह मुख्य घटक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। च्यवन ऋषि ने 70 वर्षों की आयु के पश्चात भी इसके उपयोग द्वारा अपने पुरुषत्व की प्राप्ति की थी।

इसके 100 ग्राम फल में 58 कैलोरी होती हैं।
इसमें कैलशियम,फ़ॉस्फोरस, आयरन, कैरोथीन, थियामाइन, रिबोफ्लाविन, नियासिन और विटामिन 'सी'होते हैं।

इसमें विटामिन 'सी'बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है तथा यह प्राकर्तिक रूप से ठंडा होता है। यह एक क्षय प्रतिरोधक है। इसमें सूख जाने तथा चूर्ण के रूप में प्रयोग किये जाने पर भी विटामिन 'सी' की मात्रा बहुत अधिक होती है।

इसके कुछ लाभकारी गुण:
1. यह एक अत्यंत स्फूर्तिदायक व नवजीवन का संचार करने वाला तत्व है। बलवर्धक औषधि के रूप में इसका उपयोग होता है। यह आयु प्रतिरोधक है। यह शारीरिक शाक्ति को बढाता है।
2. हृदय रोगों जैसे उच्च रक्त-चाप व हृदय गति के बढने को रोकने में सहायक है। यह हृदय की माँस-पेशियों को सुदृढ बनाता है जिससे हृदय गति का संतुलन बना रहता है और उसे बढने या रुकने से बचाए रखता है। अधिक मात्रा में पेशाब (diuretic) होने की स्थिति में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। यह उच्च रक्त-चाप को कम करने में भी सहायता प्रदान करता है।
3. यह प्राकर्तिक रूप से ठंडा होता है तथा स्मरण शक्ति, बालों के सफेद होने, बालों के झड़ने व नींद न आने की बीमारी (इनसोम्निया) आदि में भी लाभदायक होता है।
4. दिन में दो बार ¼ चम्मच आंवला पाउडर + ¼ चम्मच हल्दी पाउडर अथवा 1 चम्मच आंवले का रस + ¼ चम्मच हल्दी का रस, खाने के साथ सेवन करने से यह मधुमेह में भी लाभदायक होता है। ताज़े आंवले और हल्दी के मिश्रण को चटनी के रूप में भी उपयोग में लाया जा सकता है। यह (pancreas)पेनक्रिएस को अधिक मात्रा में इनसुलिन उत्पन्न करने के लिए उतप्रेरित करता है।
5. यह पीलिया तथा(liver)कलेजे संबधी रोगों के उपचार में लाभदायक होता है।
6. यह गैसटिक अल्सर तथा (Deuodenal)डियोडिनल अल्सरमें लाभदायक होता है।
7. बवासीर में भी इसका प्रयोग मुलायम करने वाली दवा के रूप में किया जा सकता है।
8. इसका ठंडक पहुँचाने वाला गुण पेशाब की जलन व अनियमित मासिक धर्म में लाभदायक होता है।
9. रिफरेक्शन, पुतलियों की कमजोरी, ग्लूकोमा में इंटरा- ओक्यूलर टेंशन का कम होना, रेटिना में बदलाव, आँखों का आना इत्यादि नेत्र रोगों के लिए भी यह अच्छा रहता है। ताजे आंवले को धो कर गर्म की गई (स्टरलाईज़) सुई के द्वारा बींधें, फिर उसे दबा कर रस की कुछ बूंदें सीधे आँखों में डालने से मोतियाबिन्द को बनने से रोका जा सकता है।
10. फेफड़े की सूजन, दमा व तपैदिक (क्षय रोग) में भी यह लाभदायक है।
11. त्वचा रोगों,दाद-खुजली और हथेली व तलवों में अधिक पसीना आने में भी यह लाभकारी है।
12. यह जोड़ों के दर्द में भी लाभदायक होता है।
13. आंवला पाउडर + मिश्री को बराबर मात्रा में मिला कर बनाए गए मिश्रण की 1 चम्मच रात को सोते समय 1 ग्लास पानी के साथ लेनी चाहिए। इससे वीर्य-संख्या में वृद्धि होती है।

सामान्य लाभ:
1. सिर दर्द,
2. उच्च रक्त-चाप,
3. नींद न आना,
4. नेत्र रोगों,
5. केश-संबंधी रोगों,
6. त्वचा रोगों,
7. दंत-संबंधी परेशानी,

आंवला पाउडर को पानी में उबाल कर ठंडा करके गरारे करने से दाँत अच्छे और मजबूत रहते हैं। इसका उपयोग तुलसी के अर्क के साथ मिला कर बालों को काला करने के लिए भी किया जा सकता है।

बनाने की विधि:


अर्क (रस) बनाना: आंवले को साफ करने के बाद उसकी लेई (पेस्ट) बना लें, फिर एक साफ पतले कपड़े में रखें तथा निचोड़ कर उसका अर्क निकालें। यह अर्क शहद, चीनी या मिश्री के साथ प्रयोग में लाया जा सकता है। मधुमेह के रोगी चीनी के स्थान पर हल्दी पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं।
चूर्ण (पाउडर) बनाना: पहले आंवले को छांव में सुखाएँ, फिर उसके बीज आदि को निकाल लें तथा उसे कूट कर चूर्ण बना लें। सामान्यत: सेवन के समय चूर्ण व चीनी को बराबर मात्रा में मिला कर प्रयोग करना चाहिए। दिन में दो बार 6 ग्राम मिश्रण पानी के साथ लेना चाहिए। मधुमेह के रोगी चीनी के स्थान पर हल्दी पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं।

सावधानियाँ:

1. आंवले के सेवन से तुरंत पहले या बाद में दूध नहीं लेना चाहिए। दूध के साथ इसका प्रयोग सिर्फ
च्यवनप्राश के रूप में करना चाहिए।
2. वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार आंवले का प्रयोग शुक्रवार और रविवार के दिन नहीं करना चाहिए।

लेखिका: मिस मेघना मोदी

हिंदी अनुवादक: प्रदीप त्यागी, जामनगर, भारत

http://www.geocities.ws/prthindi/hi/amla_hi.html

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