खाते तो सभी हैं। कुछ जीभ (स्वाद) के लिए खाते हैं तो कुछ पेट (भरने) के लिए। खाने के ये दोनों ही अंदाज गलत हैं। खाना सेहत के लिहाज से खाना चाहिए। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि कौन-सी चीजें या फूड आइटम हमारी सेहत के दोस्त हैं और कौन-से दुश्मन। एक्सपर्ट्स से बात करके टॉप 10 सबसे अच्छे और टॉप 10 सबसे खराब फूड/फूड आइटम्स के बारे में जानकारी दे रही हैं प्रियंका सिंह :
गुड फूड
ग्रीन टी
ऐंटि ऑक्सिडेंट से भरपूर ग्रीन टी इम्यून सिस्टम मजबूत बनाती है। निकोटिन और कैफीन न होने से शरीर पर बुरा असर नहीं। ऑर्टरीज के डैमेज को रोककर हार्ट अटैक की आशंका कम करती है। ग्रीन टी अलर्टनेस बढ़ाती है और मूड बेहतर करती है। कॉलेस्ट्रोल और कैंसर सेल्स की ग्रोथ को कम करती है। ऑर्थराइटस के मरीजों के लिए बढ़िया। वजन कम करने में भी मददगार।
मल्टिग्रेन ब्रेड
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, मल्टी-विटामिन और फाइबर अच्छी मात्रा में। कॉलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन को कम करती है। लो ग्लाइसिमिक इंडेक्स, यानी यह धीरे-धीरे ग्लूकोज में तब्दील होता है। इससे लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास होता है। जरूरी फैटी एसिड्स भरपूर। दिल, शुगर, हाइपरटेंशन और बीपी के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद।
ब्रोकली
ऐंटि-ऑक्सिडेंट से भरपूर। एक छोटे फूल में करीब 175 ग्राम विटामिन-के होता है, जो हड्डियां मजबूत करता है और खून के बहाव को रोकने (ब्लड क्लॉटिंग) में मदद करता है। फाइबर, आयरन, विटामिन-सी और फॉलिक एसिड का भी अच्छा सोर्स, जो दिल की बीमारियों से बचाने में रोल निभाता है। शरीर से जहरीले तत्वों (टॉक्सिंस) को ब्रोकली निकालती है। ऑर्गनिक होने से न्यूट्रिशन वैल्यू काफी अच्छी। ब्रोकली आमतौर पर कच्ची या अधपकी खाई जाती है।
ओट्स
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और फाइबर खूब होते हैं। सारे जरूरी माइक्रो-न्यूटिएशन भी मिलते हैं। दिल और शुगर के मरीजों को खासतौर पर इन्हें खाने की सलाह दी जाती है। ये ट्राइग्लाइसराइड और कॉलेस्ट्रोल को कम करते हैं और शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं। कम कैलरी होने की वजह से वजन कम करने के इच्छुक लोगों के भी असरदार।
दही
बैक्टीरिया का सबसे अच्छा सोर्स। प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर, जो हड्डियों को मजबूत करता है, मसल्स बनाता है, बाल और स्किन की भी हिफाजत करता है। पाचन के लिए बहुत असरदार। पेट की बीमारियों (डायरिया, कब्ज आदि) और इन्फेक्शन से निबटने में मददगार। ऐंटिबायॉटिक दवाओं से गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं। दही गुड बैक्टीरिया बनाकर उनकी भरपाई करता है। बड़ी आंत (लार्ज इंटस्टाइन) के लिए खासतौर पर गुणकारी। नमक या चीनी के बिना खाना बेहतर।
ऑलिव ऑइल
ओमेगा-3 से भरपूर। 70 फीसदी तक मोनोसैचुरेटिड फैट के साथ-साथ ऐंटि-ऑक्सिडेंट और जरूरी फैटी एसिड भी खूब। ये तमाम चीजें दिल के लिए बहुत बढ़िया होती हैं। बैड कॉलेस्ट्रोल को कम कर गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। ऐंटि-ऑक्सिडेंट भी खूब होते हैं। इसे लो टेम्परेचर कुकिंग के लिए यूज करना चाहिए। सलाद की ड्रेसिंग आदि के लिए यूज कर सकते हैं लेकिन हाई-कैलरी होती हैं। एक चम्मच में करीब 120 कैलरी, जो कि मक्खन लगी एक ब्रेड के बराबर हैं। कम मात्रा में खाएं।
बेरी
सभी तरह की बेरी (ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी) ऐंटि-ऑक्सिडेंट की बढि़या सोर्स होती हैं। ब्लूबेरी के ऑप्शन के लिए जामुन और ब्लैकबेरी के लिए काले अंगूर खा सकते हैं। ये दिल की बीमारी और कैंसर की आशंका को कम करती हैं। बेरी ऐंटि एजिंग होती हैं और शॉर्ट टर्म मेमरी लॉस को सुधारती हैं। यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (यूटीआई) को रोकती हैं। आधा कप रोजाना खानी चाहिए। बेरी जितनी डार्क, उतनी बेहतर होती हैं। शरीर में बैक्टीरिया को जमा होने से रोकती हैं।
लहसुन
लहसुन में एंथोजैक्सिन होता है, जो कॉलेस्ट्रॉल कम करता है। इम्यूनिटी बढ़ाता है और ब्लड प्रेशर को मेंटेन करता है। पेट के कैंसर को रोकने में मददगार। लहसुन को छीलकर करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद खाएं। ज्यादा फायदा मिलेगा। लहसुन को चबाकर खाना बेहतर है। दो कलियां रोजाना खाना चाहिए।
बादाम/अखरोट
प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा 3 के बढ़िया सोर्स। ट्रांस-फैट्स काफी कम होते हैं। बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम कर गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं। दोनों को मिलाकर खा सकते हैं। एक दिन में 10 बादाम या पांच अखरोट या 7-8 बादाम और दो-तीन अखरोट साथ ले सकते हैं। दिल के मरीजों को 4-5 बादाम और एक-दो अखरोट से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। गर्मियों में बादाम को भिगोकर खाना बेहतर। इसे छिलके समेत खाना चाहिए। ज्यादा खाने पर कब्ज हो सकती है।
फिश
सभी तरह की फिश में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिलते हैं, लेकिन समुद्री पानी की फिश (ट्यूना, साल्मन और मैकेरल) सबसे बढि़या मानी जाती हैं। इनमें खूब सारा गुड प्रोटीन, ओमेगा 3 और सभी जरूरी अमिनो एसिड होते हैं। ओमेगा 3 दिल की बीमारियों की आशंका कम करता है। अचानक होनेवाले हार्ट अटैक को रोकने में मददगार। डिप्रेशन दूर करती है। विटामिन डी का अच्छा सोर्स, जो हड्डियों, बाल, नाखून के लिए फायदेमंद।
बैड फूड
पिज़्ज़ा
रिफाइंड प्रोडक्ट, जो मैदा और क्रीम से बनता है। ग्लूकोज, कॉलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट काफी ज्यादा। एक छोटे-से पिज्जा में 500-600 कैलरी।
बर्गर
मैदा, टिक्की, मियोनीज आदि यानी फैट, स्टार्च और कॉलेस्ट्रॉल का भंडार। एक बर्गर में करीब 450 कैलरी, यानी एक बार के पूरे खाने से भी ज्यादा।
नूडल्स
मैदे के बने नूडल्स रिफाइन फूड की कैटिगरी में आते हैं। स्टार्च भी खूब होता है। इनमें खास न्यूट्रिशन वैल्यू नहीं होती। मोटापा बढ़ैते है। आटेवाले नूडल्स और सूजी वाली मैक्रोनी कम बेहतर। एक कटोरी में करीब 200-250 कैलरी।
सॉफ्ट ड्रिंक
सॉफ्ट ड्रिंक्स में खाली कैलरी होती हैं, जिनकी कोई न्यूट्रिशन वैल्यू नहीं होती। कार्बोनेटिड डिंक होने की वजह से कैल्शियम और विटामिन-डी सोखने की क्षमता पर बुरा असर, जिससे हडिड्यों कमजोर होती हैं। 250 मिली में करीब 110 कैलरी।
आइसक्रीम
क्रीम और आर्टिफिशल कलर होते हैं। सोडियम भी खूब होता है। साथ में प्रिजर्वेटिव का भी इस्तेमाल। कॉलेस्ट्रॉल और मोटापे को बुलावा। एक छोटे कप में करीब 250-300 कैलरी।
आलू टिक्की
आलू और स्टार्च से भरपूर, साथ ही डीप फ्राई। कॉलेस्ट्रॉल और सैचुरेटिड फैट काफी ज्यादा। मीठी चटनी में खूब शुगर। कुल मिलाकर सेहत के लिए नुकसानदेह। एक प्लेट (दो टिक्कियां ) में करीब 400 कैलरी।
पकौड़ा/समोसा
आलू, मसाले, तेल... इनका कॉम्बिनेशन, उस वक्त और खतरनाक हो जाता है, जब बार-बार एक ही तेल में इन्हें तला जाता है। इससे ट्रांस फैटी एसिड्स बन जाते हैं। एक प्लेट पकौड़े या दो समोसे में करीब 300-350 कैलरी। मार्केट की बजाय घर पर बने बेहतर।
चिप्स
एम्पटी यानी खाली कैलरी (जिनका कोई फायदा नहीं) का भंडार। बैड फैट काफी ज्यादा, यानी हार्ट की बीमारियों के साथ-साथ मोटापे को भी बुलावा। सोडियम भी काफी ज्यादा, जोकि शरीर में पानी रोक लेता है। 100 ग्रा में 250-300 कैलरी।
छोले-भठूरे
तीखे मसाले से भरपूर छोले और साथ में मैदा के भठूरे। स्टार्च की तादाद ज्यादा। डीप फ्राई होने से सैचुरेटिड फैट भी खूब। मोटापे के साथ-साथ एसिडिटी को भी न्योता। एक प्लेट (छोले और दो भठूरे) में करीब 450 कैलरी।
डिब्बाबंद फूड
तमाम कैन्ड या डिब्बाबंद खानों में प्रिजर्वेटिव, शुगर और सोडियम काफी ज्यादा होता है। इनमें न्यूट्रिशन कम होते हैं और कई बार ये जहरीले (टॉक्सिक) भी हो जाते हैं। कैलरी फूड आइटम के अनुसार।
ये भी बढि़या
वेजिटेबल/फ्रूट सलाद
टमाटर, तरबूज, चेरी, स्टॉबेरी, सेब आदि में लाइकोपिन नामक ऐंटि-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा मिलता है। यह स्किन के लिए बहुत अच्छा होता है, हार्ट अटैक से बचाता है, सेल्स डैमेज और न्यूरो बीमारियों को रोकता है। हरी सब्जियों में फाइबर और ऐंटि-ऑक्सिडेंट भरपूर होते हैं।
सोयाबीन
कॉलेस्ट्रोल कम करता है। एनर्जी फूड है और शाकाहारी लोगों में प्रोटीन का सबसे बढ़िया सोर्स है। महिलाओं में मीनोपॉज स्टेज में बहुत असरदार।
डार्क चॉकलेट
ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करती है। ऐंटि-ऑक्सिडेंट खूब होते हैं। चॉकलेट जितनी डार्क, उतनी बेहतर होती है। इनमें शुगर और फैट कंटेंट भी कम होता है।
अलसी के बीज
मोनोसैचुरेडिट फैट ज्यादा होने की वजह से कॉलेस्ट्रोल लेवल कम करता है। ओमेगा 3 का भी अच्छा सोर्स, खासकर शाकाहारी लोगों के लिए।
ऐंटि-ऑक्सिडेंट का रोल
इम्यूनिटी बढ़ाते हैं
बीपी कंट्रोल में रखते हैं
बुढ़ापे की रफ्तार को कम करते हैं
सेल्स को डैमेज होने से रोकते हैं
मेमरी और कंसन्ट्रेशन बढ़ाते हैं
दिल की बीमारियों की आशंका घटाते हैं
कैंसर की आशंका को कम करते हैं।
ओमेगा 3
कॉलेस्ट्रोल कम करता है
दिल की सेहत को दुरुस्त रखता है
इम्यूनिटी बढ़ाता है
ब्लड क्लॉटिंग में मदद करता है
डिप्रेशन कम करता है
मेमरी तेज करता है
नोट: खाने की इन सभी चीजों को पूरी तरह छोड़ना मुमकिन नहीं है। बेहतर है कि आप लिमिट में खाएं। हफ्ते में इनमें से एक-दो चीजें खा सकते हैं। इसी तरह खाते वक्त क्वांटिटी का भी ध्यान रखें। कम मात्रा में खाने से नुकसान काफी कम हो जाता है।
एक्सर्पट्स पैनल
डॉ. रितिका समादार, रीजनल हेड, डाइटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर
शिखा, सीनियर डायटीशियन जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल
शिवानी पासी, डायटीशियन, श्रीबालाजी ऐक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट
गुड फूड
ग्रीन टी
ऐंटि ऑक्सिडेंट से भरपूर ग्रीन टी इम्यून सिस्टम मजबूत बनाती है। निकोटिन और कैफीन न होने से शरीर पर बुरा असर नहीं। ऑर्टरीज के डैमेज को रोककर हार्ट अटैक की आशंका कम करती है। ग्रीन टी अलर्टनेस बढ़ाती है और मूड बेहतर करती है। कॉलेस्ट्रोल और कैंसर सेल्स की ग्रोथ को कम करती है। ऑर्थराइटस के मरीजों के लिए बढ़िया। वजन कम करने में भी मददगार।
मल्टिग्रेन ब्रेड
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, मल्टी-विटामिन और फाइबर अच्छी मात्रा में। कॉलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन को कम करती है। लो ग्लाइसिमिक इंडेक्स, यानी यह धीरे-धीरे ग्लूकोज में तब्दील होता है। इससे लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास होता है। जरूरी फैटी एसिड्स भरपूर। दिल, शुगर, हाइपरटेंशन और बीपी के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद।
ब्रोकली
ऐंटि-ऑक्सिडेंट से भरपूर। एक छोटे फूल में करीब 175 ग्राम विटामिन-के होता है, जो हड्डियां मजबूत करता है और खून के बहाव को रोकने (ब्लड क्लॉटिंग) में मदद करता है। फाइबर, आयरन, विटामिन-सी और फॉलिक एसिड का भी अच्छा सोर्स, जो दिल की बीमारियों से बचाने में रोल निभाता है। शरीर से जहरीले तत्वों (टॉक्सिंस) को ब्रोकली निकालती है। ऑर्गनिक होने से न्यूट्रिशन वैल्यू काफी अच्छी। ब्रोकली आमतौर पर कच्ची या अधपकी खाई जाती है।
ओट्स
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और फाइबर खूब होते हैं। सारे जरूरी माइक्रो-न्यूटिएशन भी मिलते हैं। दिल और शुगर के मरीजों को खासतौर पर इन्हें खाने की सलाह दी जाती है। ये ट्राइग्लाइसराइड और कॉलेस्ट्रोल को कम करते हैं और शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं। कम कैलरी होने की वजह से वजन कम करने के इच्छुक लोगों के भी असरदार।
दही
बैक्टीरिया का सबसे अच्छा सोर्स। प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर, जो हड्डियों को मजबूत करता है, मसल्स बनाता है, बाल और स्किन की भी हिफाजत करता है। पाचन के लिए बहुत असरदार। पेट की बीमारियों (डायरिया, कब्ज आदि) और इन्फेक्शन से निबटने में मददगार। ऐंटिबायॉटिक दवाओं से गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं। दही गुड बैक्टीरिया बनाकर उनकी भरपाई करता है। बड़ी आंत (लार्ज इंटस्टाइन) के लिए खासतौर पर गुणकारी। नमक या चीनी के बिना खाना बेहतर।
ऑलिव ऑइल
ओमेगा-3 से भरपूर। 70 फीसदी तक मोनोसैचुरेटिड फैट के साथ-साथ ऐंटि-ऑक्सिडेंट और जरूरी फैटी एसिड भी खूब। ये तमाम चीजें दिल के लिए बहुत बढ़िया होती हैं। बैड कॉलेस्ट्रोल को कम कर गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। ऐंटि-ऑक्सिडेंट भी खूब होते हैं। इसे लो टेम्परेचर कुकिंग के लिए यूज करना चाहिए। सलाद की ड्रेसिंग आदि के लिए यूज कर सकते हैं लेकिन हाई-कैलरी होती हैं। एक चम्मच में करीब 120 कैलरी, जो कि मक्खन लगी एक ब्रेड के बराबर हैं। कम मात्रा में खाएं।
बेरी
सभी तरह की बेरी (ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी) ऐंटि-ऑक्सिडेंट की बढि़या सोर्स होती हैं। ब्लूबेरी के ऑप्शन के लिए जामुन और ब्लैकबेरी के लिए काले अंगूर खा सकते हैं। ये दिल की बीमारी और कैंसर की आशंका को कम करती हैं। बेरी ऐंटि एजिंग होती हैं और शॉर्ट टर्म मेमरी लॉस को सुधारती हैं। यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (यूटीआई) को रोकती हैं। आधा कप रोजाना खानी चाहिए। बेरी जितनी डार्क, उतनी बेहतर होती हैं। शरीर में बैक्टीरिया को जमा होने से रोकती हैं।
लहसुन
लहसुन में एंथोजैक्सिन होता है, जो कॉलेस्ट्रॉल कम करता है। इम्यूनिटी बढ़ाता है और ब्लड प्रेशर को मेंटेन करता है। पेट के कैंसर को रोकने में मददगार। लहसुन को छीलकर करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद खाएं। ज्यादा फायदा मिलेगा। लहसुन को चबाकर खाना बेहतर है। दो कलियां रोजाना खाना चाहिए।
बादाम/अखरोट
प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा 3 के बढ़िया सोर्स। ट्रांस-फैट्स काफी कम होते हैं। बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम कर गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं। दोनों को मिलाकर खा सकते हैं। एक दिन में 10 बादाम या पांच अखरोट या 7-8 बादाम और दो-तीन अखरोट साथ ले सकते हैं। दिल के मरीजों को 4-5 बादाम और एक-दो अखरोट से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। गर्मियों में बादाम को भिगोकर खाना बेहतर। इसे छिलके समेत खाना चाहिए। ज्यादा खाने पर कब्ज हो सकती है।
फिश
सभी तरह की फिश में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिलते हैं, लेकिन समुद्री पानी की फिश (ट्यूना, साल्मन और मैकेरल) सबसे बढि़या मानी जाती हैं। इनमें खूब सारा गुड प्रोटीन, ओमेगा 3 और सभी जरूरी अमिनो एसिड होते हैं। ओमेगा 3 दिल की बीमारियों की आशंका कम करता है। अचानक होनेवाले हार्ट अटैक को रोकने में मददगार। डिप्रेशन दूर करती है। विटामिन डी का अच्छा सोर्स, जो हड्डियों, बाल, नाखून के लिए फायदेमंद।
बैड फूड
पिज़्ज़ा
रिफाइंड प्रोडक्ट, जो मैदा और क्रीम से बनता है। ग्लूकोज, कॉलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट काफी ज्यादा। एक छोटे-से पिज्जा में 500-600 कैलरी।
बर्गर
मैदा, टिक्की, मियोनीज आदि यानी फैट, स्टार्च और कॉलेस्ट्रॉल का भंडार। एक बर्गर में करीब 450 कैलरी, यानी एक बार के पूरे खाने से भी ज्यादा।
नूडल्स
मैदे के बने नूडल्स रिफाइन फूड की कैटिगरी में आते हैं। स्टार्च भी खूब होता है। इनमें खास न्यूट्रिशन वैल्यू नहीं होती। मोटापा बढ़ैते है। आटेवाले नूडल्स और सूजी वाली मैक्रोनी कम बेहतर। एक कटोरी में करीब 200-250 कैलरी।
सॉफ्ट ड्रिंक
सॉफ्ट ड्रिंक्स में खाली कैलरी होती हैं, जिनकी कोई न्यूट्रिशन वैल्यू नहीं होती। कार्बोनेटिड डिंक होने की वजह से कैल्शियम और विटामिन-डी सोखने की क्षमता पर बुरा असर, जिससे हडिड्यों कमजोर होती हैं। 250 मिली में करीब 110 कैलरी।
आइसक्रीम
क्रीम और आर्टिफिशल कलर होते हैं। सोडियम भी खूब होता है। साथ में प्रिजर्वेटिव का भी इस्तेमाल। कॉलेस्ट्रॉल और मोटापे को बुलावा। एक छोटे कप में करीब 250-300 कैलरी।
आलू टिक्की
आलू और स्टार्च से भरपूर, साथ ही डीप फ्राई। कॉलेस्ट्रॉल और सैचुरेटिड फैट काफी ज्यादा। मीठी चटनी में खूब शुगर। कुल मिलाकर सेहत के लिए नुकसानदेह। एक प्लेट (दो टिक्कियां ) में करीब 400 कैलरी।
पकौड़ा/समोसा
आलू, मसाले, तेल... इनका कॉम्बिनेशन, उस वक्त और खतरनाक हो जाता है, जब बार-बार एक ही तेल में इन्हें तला जाता है। इससे ट्रांस फैटी एसिड्स बन जाते हैं। एक प्लेट पकौड़े या दो समोसे में करीब 300-350 कैलरी। मार्केट की बजाय घर पर बने बेहतर।
चिप्स
एम्पटी यानी खाली कैलरी (जिनका कोई फायदा नहीं) का भंडार। बैड फैट काफी ज्यादा, यानी हार्ट की बीमारियों के साथ-साथ मोटापे को भी बुलावा। सोडियम भी काफी ज्यादा, जोकि शरीर में पानी रोक लेता है। 100 ग्रा में 250-300 कैलरी।
छोले-भठूरे
तीखे मसाले से भरपूर छोले और साथ में मैदा के भठूरे। स्टार्च की तादाद ज्यादा। डीप फ्राई होने से सैचुरेटिड फैट भी खूब। मोटापे के साथ-साथ एसिडिटी को भी न्योता। एक प्लेट (छोले और दो भठूरे) में करीब 450 कैलरी।
डिब्बाबंद फूड
तमाम कैन्ड या डिब्बाबंद खानों में प्रिजर्वेटिव, शुगर और सोडियम काफी ज्यादा होता है। इनमें न्यूट्रिशन कम होते हैं और कई बार ये जहरीले (टॉक्सिक) भी हो जाते हैं। कैलरी फूड आइटम के अनुसार।
ये भी बढि़या
वेजिटेबल/फ्रूट सलाद
टमाटर, तरबूज, चेरी, स्टॉबेरी, सेब आदि में लाइकोपिन नामक ऐंटि-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा मिलता है। यह स्किन के लिए बहुत अच्छा होता है, हार्ट अटैक से बचाता है, सेल्स डैमेज और न्यूरो बीमारियों को रोकता है। हरी सब्जियों में फाइबर और ऐंटि-ऑक्सिडेंट भरपूर होते हैं।
सोयाबीन
कॉलेस्ट्रोल कम करता है। एनर्जी फूड है और शाकाहारी लोगों में प्रोटीन का सबसे बढ़िया सोर्स है। महिलाओं में मीनोपॉज स्टेज में बहुत असरदार।
डार्क चॉकलेट
ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करती है। ऐंटि-ऑक्सिडेंट खूब होते हैं। चॉकलेट जितनी डार्क, उतनी बेहतर होती है। इनमें शुगर और फैट कंटेंट भी कम होता है।
अलसी के बीज
मोनोसैचुरेडिट फैट ज्यादा होने की वजह से कॉलेस्ट्रोल लेवल कम करता है। ओमेगा 3 का भी अच्छा सोर्स, खासकर शाकाहारी लोगों के लिए।
ऐंटि-ऑक्सिडेंट का रोल
इम्यूनिटी बढ़ाते हैं
बीपी कंट्रोल में रखते हैं
बुढ़ापे की रफ्तार को कम करते हैं
सेल्स को डैमेज होने से रोकते हैं
मेमरी और कंसन्ट्रेशन बढ़ाते हैं
दिल की बीमारियों की आशंका घटाते हैं
कैंसर की आशंका को कम करते हैं।
ओमेगा 3
कॉलेस्ट्रोल कम करता है
दिल की सेहत को दुरुस्त रखता है
इम्यूनिटी बढ़ाता है
ब्लड क्लॉटिंग में मदद करता है
डिप्रेशन कम करता है
मेमरी तेज करता है
नोट: खाने की इन सभी चीजों को पूरी तरह छोड़ना मुमकिन नहीं है। बेहतर है कि आप लिमिट में खाएं। हफ्ते में इनमें से एक-दो चीजें खा सकते हैं। इसी तरह खाते वक्त क्वांटिटी का भी ध्यान रखें। कम मात्रा में खाने से नुकसान काफी कम हो जाता है।
एक्सर्पट्स पैनल
डॉ. रितिका समादार, रीजनल हेड, डाइटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर
शिखा, सीनियर डायटीशियन जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल
शिवानी पासी, डायटीशियन, श्रीबालाजी ऐक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट
Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/12313648.cms
बढ़िया सेहत के लिए इससे बढ़के और क्या बढ़िया जानकारी हो सकती है .आभार डॉ .अनवर ज़माल साहब आपका .मान्यवर खान पान देशकाल और स्थानीय उपलब्धता के अनुरूप होता है .मुख्य भोजन बन जाता है .बेहतर है हम जानकारी का स्तेमाल मिसायल के रूप में न करें' मैं ''आप' 'ये ''वो' सभी .धन्यवाद मेरे ब्लोगर मित्र .इस पोस्ट के लिए जिसे हर ब्लॉग पर आना चाहिए .
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