खाने की प्लेट चिकेन के बिना अधूरी होती है। यह बात सुनकर कोई शाकाहारी व्यक्ति भले ही मुंह बिचकाए, पर चिकेन के शौकीन इसका पुरजोर समर्थन करेंगे।बदलते समय में जब खान-पान की आदतें बदल रही हैं और बाजार में तमाम तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं, ऐसे समय में चिकेन से बने व्यंजन लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। शेफ सुहैल हसन कहते हैं आज चिकेन से बने कई तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं। चिकेन पारंपरिक इंडियन करी से लेकर चाइनीज, इटालियन हर तरह के खाने में मिल जाएगा।भारतीय खाने में चिकेन बिरियानी, चिकेन करी, तंदूरी चिकेन जैसे व्यंजन मिल जाएंगे। अफगानी खाने में शोरमा, अफगानी तंदूर और कबाब जैसे लजीज पकवान मिल जाएंगे। इटालियन खाने में चिकेन पिज्जा और चिकेन पास्ता मिल जाएगा, वहीं चाइनीज खाने में चिकेन चाउमीन, चिकेन सूप, चिकेन चॉप्सी, चिली चिकेन, चिकेन मोमो और चिकेन मंचूरियन जैसे स्वादिष्ट और लोकप्रिय व्यंजन मिल जाएंगे। उनके अनुसार, फास्ट फूड के शौकीनों को भी चिकेन बर्गर, चिकेन पैटीस और चिकेन रोल जैसे ढेरों व्यंजन मिल जाते हैं। एक चिकेन से आज हजारों तरह के व्यंजन बनने लगे हैं।चिकेन के एक दीवाने परमानंद मिश्र का कहना है कि खाने में रोज ही चिकेन व्यंजन हो तो क्या बात है। लेकिन जरूरत इस बात की है कि वह अलग-अलग वेराइटी में हो। उनकी पत्नी सौम्या मिश्र ने बताया कि घर हो या बाजार, ननवेजेटेरियन्स की पहली पसंद चिकेन व्यंजन ही होते हैं। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि घर आने वाले मेहमान अगर शाकाहारी हों तो बड़ी कोफ्त होती है। समझ में नहीं आता है कि क्या बनाएं और क्या खिलाएं। चिकेन के अन्य आशिक प्रसेनजित राज्यवर्द्धन ने कहा कि रोज के खान-पान का हिस्सा बन चुके चिकेन संस्कृति को बढ़ावा देने में रेस्त्राओं का भी खासा योगदान रहा है। उनकी पत्नी दिव्या ने बताया कि घर से बाहर उनकी पहली पसंद चिकेन से बने व्यंजन ही होते हैं।रेसिपी विशेषज्ञ ममता सिंह कहती हैं चिकेन कलचर आज इस कदर फैला हुआ है कि कुछ लोगों को इसके बिना भोजन अधूरा लगता है। कभी केवल घरों में पकने वाला चिकेन आज रेस्त्रां, कैफे के अलावा गली-मुहल्ले में स्थित रोल, मोमो और चाउमीन के फास्ट फूड के ठेले पर भी मिलने लगा है। वैसे पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके के मशहूर करीम रेस्त्रां, न्यू फ्रेंडस कॉलोनी के अल बेक रेस्त्रां में दिन भर खाने के लिए लोगों की भीड़ जमा रहती है।
मैक्डोनाल्ड्स का मशहूर चिकेन बर्गर यहां आने वाले खाने के शौकीनों के सबसे पसंदीदा खाने में से एक है। वहीं केएफसी [केंटचुकी फ्राइड चिकेन] रेस्त्रां तो चिकेन प्रेमियों के लिए खास ही है। यहां चिकेन विंग्स, चिकेन बर्गर और चिकेन लेग्स जैसे चिकेन के ढेरों आइटम मिलते हैं। कनॉट प्लेस स्थित केएफसी आउटलेट मे काम करने वाले अतुल सिंह ने कहा कि इसका स्वाद एक बार चढ़ जाए तो छूटना मुश्किल होता है।चिकेन न केवल अपने देश में, बल्कि बाहर के देशों मे भी काफी लोकप्रिय है। अमेरिका में चिकेन इस कदर लोकप्रिय है कि वहां सितंबर महीना नेशनल चिकेन मंथ के रूप में मनाया जाता है। 15 सितंबर को वहां नेशनल चिकेन लवर्स डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन अमेरिका के कई रेस्त्राओं में मुफ्त चिकेन परोसा जाता है। इन्हीं में से एक पोलो ट्रॉपिकल रेस्त्रां चेन में आज के दिन हर साल दोपहर दो बजे से शाम के सात बजे तक पीले कपड़ों में आने वाले लोगों को मुफ्त में चिकेन परोसा जाता है। यानि जी भर के चिकेन खाइए वो भी बिल्कुल मुफ्त और मनाइए चिकेन लवर्स डे।
मैक्डोनाल्ड्स का मशहूर चिकेन बर्गर यहां आने वाले खाने के शौकीनों के सबसे पसंदीदा खाने में से एक है। वहीं केएफसी [केंटचुकी फ्राइड चिकेन] रेस्त्रां तो चिकेन प्रेमियों के लिए खास ही है। यहां चिकेन विंग्स, चिकेन बर्गर और चिकेन लेग्स जैसे चिकेन के ढेरों आइटम मिलते हैं। कनॉट प्लेस स्थित केएफसी आउटलेट मे काम करने वाले अतुल सिंह ने कहा कि इसका स्वाद एक बार चढ़ जाए तो छूटना मुश्किल होता है।चिकेन न केवल अपने देश में, बल्कि बाहर के देशों मे भी काफी लोकप्रिय है। अमेरिका में चिकेन इस कदर लोकप्रिय है कि वहां सितंबर महीना नेशनल चिकेन मंथ के रूप में मनाया जाता है। 15 सितंबर को वहां नेशनल चिकेन लवर्स डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन अमेरिका के कई रेस्त्राओं में मुफ्त चिकेन परोसा जाता है। इन्हीं में से एक पोलो ट्रॉपिकल रेस्त्रां चेन में आज के दिन हर साल दोपहर दो बजे से शाम के सात बजे तक पीले कपड़ों में आने वाले लोगों को मुफ्त में चिकेन परोसा जाता है। यानि जी भर के चिकेन खाइए वो भी बिल्कुल मुफ्त और मनाइए चिकेन लवर्स डे।
आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूँ । पोस्ट अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर भी आकर मेरा हौसला बुलंद करें । धन्यवाद ।
ReplyDeleteशाकाहार हो या मांसाहार,उसे औपचारिक रहने देना ही ठीक है। स्वाद से ऊपर उठकर ही,उच्चतर ऊर्जा की ओर प्रस्थान संभव होता है।
ReplyDeleteaapne saayad rajiv dixitji ka masahaar se global warmingaur isse haaniya nahi suna hoga . nahin to aap aisa nahin likhte
ReplyDeletegagan said...
ReplyDeleteaapne
meri coment ka koi jawaab nahi diya agar aap kaho toh mein uska link raji