कल हम अपने गुरू जी मिश्रा जी के पास मिलने के लिए गए तो वह कुछ देर पहले ही जयपुर से लौटे थे। हमने उनके बेड पर रखी एक प़ित्रका ‘चिकित्सा पल्लव‘ उठाकर पढ़नी शुरू की तो उसमें एक आयुर्वेचार्य का दिलचस्प वाक़या पढ़ा।
उन्होंने लिखा कि उनके पास एक आदमी आया। उसके विवाह के बरसों बाद भी उसके घर औलाद पैदा नहीं हुई थी। उसे हमने सुबह शाम कामदेव घृत 20-20 ग्राम और अमृत भल्लातक अवलेह 10-10 ग्राम गाय के दूध के साथ खाने के लिए कहा। उसने डेढ़ साल तक खाया तो उसके घर एक बेटा पैदा हुआ।
दूसरा वाक़या उन्होंने एक युवक का लिखा था। उसे उसके पिता जी लेकर आए थे। उसके दाढ़ी के बाल भी नहीं निकले थे। उसका लिंग और उसके अंडकोषों का विकास भी नहीं हुआ था। दोनों ही जन्मजात रूप से बहुत छोटे थे। वैद्य जी लिखते हैं कि ऐसे मरीज़ों को हम लौटा दिया करते हैं कि जन्मजात विकृति में हमारी दवा कुछ नहीं कर सकती। हमने उसका इलाज करने से मना कर दिया लेकिन उसके बाप ने बहुत मिन्नत की तो हमने उसे भी उपरोक्त नुस्ख़ा इस्तेमाल कराया। कुछ दिन बाद ही उसका बाप उसे लेकर आया तो उसके दाढ़ी के बाल भी निकल आए थे और उसके लिंग व अंडकोषों का विकास भी हो गया था। उसका बाप कह रहा था कि अब मैं इसका विवाह करूंगा।
- कामदेव घृत और अमृत भल्लातक अवलेह जयपुर में निम्न पते पर मिलते हैं-
स्वामी लक्ष्मीराय चिकित्सालय
नथमल का चौक
जौहरी बाज़ार
सांगानेरी गेट के अंदर
जयपुर
राजस्थान
यह भी देखें-
No comments:
Post a Comment