हम अपने पूर्वजों की महान विरासत की रक्षा ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। हम तब जागते हैं जबकि दूसरा हमारी चीज़ों पर अपना क़ब्ज़ा जमा चुका होता है। हमारी कई जड़ी बूटियों को पश्चिमी वैज्ञानिक अपने नाम से पेटेंट करा चुके हैं। ताज़ा ख़बर के मुताबिक़ ब्रिटेन की नज़र हमारे अदरक और कुटकी पर है। उसने इनके ज़रिये नज़ले ज़ुकाम का इलाज ढूंढने का दावा किया है। यह लम्हा हमारे लिए आत्मविश्लेषण का है।
अभिमान वास्तव में ही बहुत बुरा होता है। ज्ञान का हो तो और भी ज़्यादा बुरा होता है। इन लोगों से भी बढ़कर नुक्सान देने वाले वे तत्व होते हैं जो कि अपने इतिहास और अपनी परंपराओं को जानने के बावजूद भी भुला देना चाहते हैं। ऐसे लोगों के कारण ही आज प्राचीन पूर्वजों के बहुत से कारनामे भुला दिए गए हैं।
मांस में प्रोटीन होता है और यह मनुष्य के लिए उपयोगी है। इस तथ्य को आज विज्ञान भली भांति स्वीकार रहा है। इसकी खोज हमारे पूर्वज उनसे बहुत पहले कर चुके हैं। आयुर्वेद के चरक और सुश्रुत जैसे महान ग्रंथों में वह अपनी खोज को दर्ज कर चुके हैं और यह सिद्ध है कि इन ग्रंथों की रचना उन्होंने वैदिक धर्म का पालन करते हुए ही की है।
आज बल-पौरूष की कमी दुनिया के सामने एक बड़ी समस्या बनी हुई है। दुनिया वियाग्रा जैसी दवाओं का सहारा लेने पर मजबूर है। इन दवाओं के साइड इफ़ेक्ट भी सामने आ रहे हैं। लोग खा रहे हैं और मर रहे हैं।
हमारे महान भारतीय मनीषियों ने इस समस्या का निदान भी आयुर्वेद के ज़रिये किया है। उनके बताए नुस्ख़े का इस्तेमाल करने के बाद एक मर्द 100 औरतों को चरम सुख की प्राप्ति करा सकता है। आनंद का रहस्य हमारे पूर्वज अच्छी तरह जानते थे और उन्होंने उसे हमारे लिए सुलभ भी कराया है।
जो इस रहस्य को जानते हैं वे आज भी लाभ उठा रहे हैं। आप भी उठाइये।
हमारे एक दोस्त हरिद्वार के पास ही रहते हैं। हरिद्वार में मांस नहीं बिकता लेकिन ज्वालापुर में बिकता है। वहां एक क़साई से हमारे दोस्त ने पूछा कि आपका काम यहां कैसा चलता है ?
उसने कहा कि सुबह को दो बकरे काटता हूं और शाम को पांच।
सुबह के बकरे मुसलमान ले जाते हैं और शाम के बकरे आश्रमों में चले जाते हैं।हो सब कुछ रहा है लेकिन सत्य को स्वीकारने की हिम्मत कम ही लोगों में है। इसी कम हिम्मती की वजह से हमारी विरासत विदेशियों के हाथ में जा रही है।
आयुर्वेद के शक्तिदायक नुस्ख़ों से जो लोग लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए एक ब्लॉग से ये नुस्ख़े साभार उद्धृत कर रहे हैं।
मांस में प्रोटीन होता है और यह मनुष्य के लिए उपयोगी है। इस तथ्य को आज विज्ञान भली भांति स्वीकार रहा है। इसकी खोज हमारे पूर्वज उनसे बहुत पहले कर चुके हैं। आयुर्वेद के चरक और सुश्रुत जैसे महान ग्रंथों में वह अपनी खोज को दर्ज कर चुके हैं और यह सिद्ध है कि इन ग्रंथों की रचना उन्होंने वैदिक धर्म का पालन करते हुए ही की है।
आज बल-पौरूष की कमी दुनिया के सामने एक बड़ी समस्या बनी हुई है। दुनिया वियाग्रा जैसी दवाओं का सहारा लेने पर मजबूर है। इन दवाओं के साइड इफ़ेक्ट भी सामने आ रहे हैं। लोग खा रहे हैं और मर रहे हैं।
हमारे महान भारतीय मनीषियों ने इस समस्या का निदान भी आयुर्वेद के ज़रिये किया है। उनके बताए नुस्ख़े का इस्तेमाल करने के बाद एक मर्द 100 औरतों को चरम सुख की प्राप्ति करा सकता है। आनंद का रहस्य हमारे पूर्वज अच्छी तरह जानते थे और उन्होंने उसे हमारे लिए सुलभ भी कराया है।
जो इस रहस्य को जानते हैं वे आज भी लाभ उठा रहे हैं। आप भी उठाइये।
हमारे एक दोस्त हरिद्वार के पास ही रहते हैं। हरिद्वार में मांस नहीं बिकता लेकिन ज्वालापुर में बिकता है। वहां एक क़साई से हमारे दोस्त ने पूछा कि आपका काम यहां कैसा चलता है ?
उसने कहा कि सुबह को दो बकरे काटता हूं और शाम को पांच।
सुबह के बकरे मुसलमान ले जाते हैं और शाम के बकरे आश्रमों में चले जाते हैं।हो सब कुछ रहा है लेकिन सत्य को स्वीकारने की हिम्मत कम ही लोगों में है। इसी कम हिम्मती की वजह से हमारी विरासत विदेशियों के हाथ में जा रही है।
आयुर्वेद के शक्तिदायक नुस्ख़ों से जो लोग लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए एक ब्लॉग से ये नुस्ख़े साभार उद्धृत कर रहे हैं।
सुश्रुत संहिता में बकरे के अंडकोषों से 100 पुरूष की शक्ति प्राप्ति
आयुर्वेद की मशहर पुस्तक सुश्रुत संहिता में जानवरों तथा इन्सान के वीर्य का विधान भी मिलता है,
दूध से निकाले घी में पिप्पली और लवण के साथ बकरे के अंडकोकोषों को अंड सिद्ध करके जो पुरूष खाता है वह एक सौ स्त्रियों से रमण कर सकता है
पिप्प्लीलवणोपेते बसण्डे क्षीर्रसपिषि
साधिते भक्ष्येमद्यस्तु स गच्छेत् प्रमदाशतम
---- सुश्रुत संहिता, चिकित्सा स्थानम 26/20
अर्थात दूध से निकाले घी में पिप्पली और लवण के साथ बकरे के अंडकोकोषों को अंड सिद्ध करके जो पुरूष खाता है वो एक सौ स्त्रियों से रमण कर सकता है
पिप्प्लीलवणोपेते बस्ताण्डे घृतसाधिते
शिशुमारस्य वा खदेत्ते तु वाजीकरे भृशम
कुलारकूर्मनक्राणाण्डान्येवं तु भक्षयेतृ
महिषर्षभबस्तानां पिबेच्दुकाणि वा नर-
---- सुश्रुत संहिता, चिकित्सा स्थानम 26/25-27
अर्थात घी में तले हुए बकरे के या शिश्ुमार (उदबिलाव) नामक जंतु के अंडकोकोषों को पिप्पली और सैंधा नमक के साथ खाएं, ये अतिशय वाजीकर (सेक्स शक्ति बढाने वाले) हैं, केकडा, नक्र(घडिया) के अंडकोशों को भी इसी प्रका खाएं अथ्वा, भैंसे, बैल या बकरे के वीर्य को पीएं
हाथी,चीते और सांप की खाल से तव्चा के रोग दूर किये जा सकते हैं, तो सांप की खाल से फुल बहरी, अस्थियों की राख से शर्करा नष्ट किया जा सकता है, जिन्दा मछली से अस्थमा का इलाज शायद यह किताब पढ कर ही किया जा रहा है .
हम क्यों घट रहे हैं और अंग्रेज़ क्यों बढ़ रहे हैं, इसका कारण भी खुली आंखों देखा जा सकता है। हमारे इस नुस्ख़े का लाभ भी विदेशी ही उठा रहे हैं।
जब हमने आयुर्वेद के इन नुस्ख़ों को तैयार करने के लिए नेट पर छानबीन की तो यह हिंदी साहित्य से कुछ ख़ास मदद नहीं मिल पाई जबकि अंग्रेज़ी साहित्य में इस पर इतनी सामग्री मिल गई कि छांटना मुश्किल हो गया। उसमें से हमने आपके लिए इसे चुना है ताकि आप आसानी से महान पौरूष पाकर अपना वैवाहिक जीवन सफल बना सकें।
जो लोग अण्डकोष पकाने से बचना चाहें, उनके लिए भी एक रास्ता है। यूनानी मेडिसिन में एक दवा का नाम है ‘जौहर ए ख़ुसिया‘। यह बकरे के अण्डकोषों का सत ही होता है। आप बाज़ार से इसे ख़रीदकर दूध और शहद के साथ इस्तेमाल करें। आपको वही लाभ मिलेगा, जो कि चरक और सुश्रुत में बताया गया है।
आजकल रैक्स कंपनी ( Rex (U&A) Remedies Pvt. Ltd.) इसे बना रही है।
अपने जीवन साथी को चरमसुख का अहसास कराइये और अपने जीवन को आनंद से भर लीजिए।
इस सर्दी में आप इसे आज़मा कर देखें।
जब हमने आयुर्वेद के इन नुस्ख़ों को तैयार करने के लिए नेट पर छानबीन की तो यह हिंदी साहित्य से कुछ ख़ास मदद नहीं मिल पाई जबकि अंग्रेज़ी साहित्य में इस पर इतनी सामग्री मिल गई कि छांटना मुश्किल हो गया। उसमें से हमने आपके लिए इसे चुना है ताकि आप आसानी से महान पौरूष पाकर अपना वैवाहिक जीवन सफल बना सकें।
जो लोग अण्डकोष पकाने से बचना चाहें, उनके लिए भी एक रास्ता है। यूनानी मेडिसिन में एक दवा का नाम है ‘जौहर ए ख़ुसिया‘। यह बकरे के अण्डकोषों का सत ही होता है। आप बाज़ार से इसे ख़रीदकर दूध और शहद के साथ इस्तेमाल करें। आपको वही लाभ मिलेगा, जो कि चरक और सुश्रुत में बताया गया है।
आजकल रैक्स कंपनी ( Rex (U&A) Remedies Pvt. Ltd.) इसे बना रही है।
अपने जीवन साथी को चरमसुख का अहसास कराइये और अपने जीवन को आनंद से भर लीजिए।
इस सर्दी में आप इसे आज़मा कर देखें।
अण्डकोष पकाने की विधि यह है-
The testicles are also referred to as testes; the singular is testis. Whenever I think about eating testicles I mostly dwell on the etymology. In Latin, the word testis means "witness"; supposedly, in ancient Rome it was the custom for men to place one hand on a testicle when taking an oath in court. Somewhere in my education, formal and otherwise, I'd never picked up on the difference between the testicles and the scrotal sac that encases them.Grilled Lamb's Testicles
- 1 pair lamb's testicles
- Salt and pepper to taste
- Lemon juice to garnish
Deep-Fried Testicles (Rocky Mountain Oysters)
- 1 pair lamb's testicles
- 1 cup panko crumbs
- 1 egg, lightly beaten
- 1 teaspoon mustard
- Salt and pepper to taste
- Lemon juice to garnish
- 1 quart oil, for frying